मध्य प्रदेश: भारत की बाघ राज्य
| श्रेणी | विवरण | |-----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | सामान्य जानकारी | मध्य प्रदेश में भारत में सबसे अधिक बाघों की आबादी है, जहाँ लगभग 3,800 जंगली बाघों में से 785 बाघ हैं। | | ऐतिहासिक संदर्भ | कर्नाटक ने 2011 और 2018 के बीच बाघों की आबादी में मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया था। | | बाघ गणना (2022) | भारत की बाघ आबादी 3,682 से 3,925 के बीच अनुमानित है। मध्य प्रदेश 785 बाघों के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560), और महाराष्ट्र (444) का स्थान है। | | शीर्ष बाघ अभयारण्य | उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क अभयारण्यों में सबसे अधिक बाघ आबादी वाला क्षेत्र है, जहाँ 260 बाघ हैं। | | संरक्षण प्रयास | आदिवासी, जंगलवासी और वन अधिकारियों सहित हितधारकों ने बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। | | पहली बाघ गणना (1972) | पहली गणना में 1,827 बाघ दर्ज किए गए थे। | | खतरे | बाघों की आबादी को आवास हानि, अवैध शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्ष से खतरा होता रहा है। | | प्रोजेक्ट टाइगर (1973) | बाघ अभयारण्य बनाने, अवैध शिकार को रोकने और पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता को बनाए रखने के लिए शुरू किया गया। | | बाघ अभयारण्य | भारत में 54 बाघ अभयारण्य हैं, जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के तहत अधिसूचित किया गया है। नवीनतम जोड़ धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य है। |

