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माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव 2024 और बुग्याल संरक्षण दिवस

माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव 2024 और बुग्याल संरक्षण दिवस
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माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव 2024 और बुग्याल संरक्षण दिवस

| श्रेणी | विवरण | |----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | माँ नंदा-सुनंदा महोत्सव, 2024 | | उद्घाटन | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा (आभासी रूप से) | | स्थान | नैनीताल, उत्तराखंड | | उद्देश्य | लोगों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना | | मुख्य विशेषताएँ | - नंदाष्टमी त्योहार के दौरान सितंबर में मनाया जाता है | | | - देवी नंदा और सुनंदा की पूजा की जाती है | | | - अल्मोड़ा, नैनीताल, कोट आलोंग, भोवाली और जोहार में मनाया जाता है | | अतिरिक्त घोषणा | - 2 सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस घोषित किया गया | | | - हिमालय की अमूल्य विरासत कहलाने वाले अल्पाइन घास के मैदानों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित | | बुग्याल | - 3,000 मीटर (10,000 फीट) से ऊपर स्थित ऊँचाई वाले अल्पाइन घास के मैदान | | पारिस्थितिक महत्व | - जैव विविधता, पशुओं के चरने के मैदान और पारिस्थितिक संतुलन का समर्थन करते हैं | | प्रसिद्ध बुग्याल | - दयारा बुग्याल: विशाल घास के मैदान और मनोरम दृश्य | | | - बेदनी बुग्याल: प्राकृतिक सौंदर्य और ट्रेकिंग स्थल | | | - औली बुग्याल: नंदा देवी, कामेत और दूनागिरी चोटियों के बीच विविधता और मनोरम दृश्य |

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