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कोडाईकनाल सौर वेधशाला: 125 वर्षों की सौर शोध

कोडाईकनाल सौर वेधशाला: 125 वर्षों की सौर शोध
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कोडाईकनाल सौर वेधशाला: 125 वर्षों की सौर शोध

| मुख्य बिंदु | विवरण | |-------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | आयोजन | कुडनकानल सौर वेधशाला (KSO) की 125वीं वर्षगांठ | | तिथि | 1 अप्रैल, 2024 | | स्थान | पालनी पहाड़ियाँ, तमिलनाडु | | आयोजक | भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) | | मूल संगठन | विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार | | स्थापना | 1 अप्रैल, 1899 | | ऐतिहासिक जड़ें | मद्रास वेधशाला से उत्पन्न (1792 में स्थापित) | | प्रमुख उपलब्धि | दुनिया भर में सूर्य के सबसे लंबे निरंतर दैनिक रिकॉर्ड में से एक | | डेटाबेस | 1.2 लाख से अधिक डिजिटाइज़्ड सौर छवियां, 1900 से प्रतिदिन हजारों नई छवियां कैप्चर की गईं | | प्रमुख खोज | एवरशेड प्रभाव (1909) | | IIA के वर्तमान निदेशक | प्रोफेसर अन्नापूर्णी सुब्रमण्यम | | IIA के पूर्व निदेशक | प्रोफेसर सिराज हसन | | पूर्व ISRO अध्यक्ष | ए.एस. किरण कुमार (IIA की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष) | | ISRO प्रतिनिधि | एस. सीता (स्पेस साइंस प्रोग्राम ऑफिस की पूर्व निदेशक) | | वर्षगांठ लोगो | कार्यक्रम के दौरान जारी किया गया | | भविष्य की परियोजनाएं | दृश्य उत्सर्जन लाइन कोरोनाग्राफ (आदित्य-एल1), प्रस्तावित राष्ट्रीय बड़ी सौर टेलीस्कोप |

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