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केरल ने अरलम वन्यजीव अभयारण्य को भारत का पहला तितली अभयारण्य घोषित किया

केरल ने अरलम वन्यजीव अभयारण्य को भारत का पहला तितली अभयारण्य घोषित किया
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केरल ने अरलम वन्यजीव अभयारण्य को भारत का पहला तितली अभयारण्य घोषित किया

| पहलू | विवरण | |-----------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | केरल ने भारत का पहला तितली अभयारण्य स्थापित किया | | स्थान | अरलम वन्यजीव अभयारण्य, कन्नूर जिला, केरल, पश्चिमी घाट | | घोषणा की तिथि | 18 जून, 2025 | | नाम बदला गया | अरलम तितली अभयारण्य | | आकार | 55 वर्ग किलोमीटर | | आवास का प्रकार | उष्णकटिबंधीय और अर्ध-सदाबहार वन | | तितली प्रजातियां | 266+ प्रजातियां, जिनमें दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं | | मुख्य प्रजातियां | कॉमन अल्बाट्रॉस, Danaidae प्रजातियां, और स्थानिक तितलियाँ | | प्रवास का मौसम | दिसंबर और फरवरी के बीच चरम प्रवास | | संरक्षण प्रयास | 25 वर्षों के सर्वेक्षण, अनुसंधान और वकालत | | अनुसंधान भागीदार | मालाबार नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी | | वार्षिक आयोजन | तितली प्रवास अध्ययन हर जनवरी या फरवरी में आयोजित किया जाता है | | उद्देश्य | तितली आवासों की रक्षा करना, जागरूकता बढ़ाना, पारिस्थितिकी पर्यटन और अनुसंधान को बढ़ावा देना | | संरक्षण का प्रभाव | लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा, परागणकों का समर्थन, धन उगाहने के अवसरों में वृद्धि |

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