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| श्रेणी | विवरण
|-----------------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | डब्ल्यूएचओ द्वारा केन्या को मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस (स्लीपिंग सिकनेस) से मुक्त प्रमाणित किया गया | | महत्व | केन्या इस बीमारी को खत्म करने वाला विश्व स्तर पर 10वां देश बन गया है। | | पिछली उपलब्धि | केन्या को 2018 में गिनी वर्म रोग से मुक्त प्रमाणित किया गया था। | | रोग का कारण | प्रोटोजोअन परजीवियों के कारण होता है, जो त्सेत्से मक्खियों द्वारा फैलता है। | | लक्षण | शुरुआती चरण: बुखार, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द। उन्नत चरण: न्यूरोलॉजिकल प्रभाव, नींद में बाधा, भ्रम। | | प्रभावित क्षेत्र | उप-सहारा अफ्रीका में स्थानिक। | | आर्थिक प्रभाव | मनुष्यों और मवेशियों (मासाई जनजातियों द्वारा पाले जाने वाले ज़ेबू मवेशी) की उत्पादकता को कम करता है। | | भारत द्वारा मिटाए गए रोग | चेचक (1980), पोलियो (2014), प्लेग, रिंडरपेस्ट, याव्स, मातृ एवं नवजात टेटनस (2015), ट्रैकोमा (2024)। | | भारत की गिनी वर्म स्थिति | 2000 में रोग-मुक्त प्रमाणित। | | भारत में उन्मूलन के लिए लक्षित रोग | मलेरिया (2030), लसीका फाइलेरिया (2030), काला-अजार (<1 मामला/10,000), टीबी (एनटीईपी के तहत 2025)। |

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