काशी तमिल संगम 2024: उत्तर और दक्षिण का मिलन
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण | | स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश | | उद्घाटन | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा | | प्रेरणा | एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण | | संदर्भ | महा कुंभ 2025 के उत्सव का हिस्सा | | विशेष महत्व | अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पहला संस्करण | | थीम | 4S: संत परंपरा, वैज्ञानिक, सामाजिक सुधारक, छात्र | | सांस्कृतिक ध्यान | काशी और तमिलनाडु के बीच एकता, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को उजागर करना | | मुख्य व्यक्तित्व | महर्षि अगस्त्य, राजा पराक्रम पांड्या | | केंद्र सरकार की पहल| भारतीय ज्ञान प्रणाली का राष्ट्रीय डिजिटल भंडार, भारतीय भाषा पुस्तक योजना | | ऐतिहासिक संबंध | 15वीं शताब्दी में काशी और तमिलनाडु के बीच राजा पराक्रम पांड्या और शिवकाशी/तेनकाशी का संबंध | | कलात्मक तत्व | गंगा के तट पर संगीत, विरासत और भक्ति का उत्सव |

