ISRO का चंद्रयान-4 मिशन: नया चंद्र अन्वेषण
| पहलू | विवरण | | --- | --- | | घटना | राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी (NSSS 2024) | | वक्ता | ISRO प्रमुख एस सोमनाथ | | मिशन | चंद्रयान-4 | | मॉड्यूल की संख्या | पांच | | मॉड्यूल | - प्रणोदन मॉड्यूल<br>- अवरोही मॉड्यूल<br>- आरोही मॉड्यूल<br>- स्थानांतरण मॉड्यूल<br>- पुनः प्रवेश मॉड्यूल | | लॉन्च चरण | दो | | पहले चरण के मॉड्यूल | - प्रणोदन मॉड्यूल<br>- अवरोही मॉड्यूल<br>- आरोही मॉड्यूल | | दूसरे चरण के मॉड्यूल | - स्थानांतरण मॉड्यूल<br>- पुनः प्रवेश मॉड्यूल | | लॉन्च वाहन | - LVM-3 (पहले चरण के लिए)<br>- पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) (दूसरे चरण के लिए) | | महत्व | एक ही मिशन के लिए दो लॉन्च वाहनों का उपयोग करने वाला ISRO का पहला मिशन | | मुख्य उद्देश्य | - चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और कोमल लैंडिंग<br>- चंद्र नमूना संग्रह और पैकेजिंग<br>- चंद्रमा की सतह से उठाना<br>- चंद्र कक्षा में डॉकिंग और अनडॉकिंग<br>- नमूनों को एक मॉड्यूल से दूसरे मॉड्यूल में स्थानांतरित करना<br>- चंद्र नमूनों के साथ पृथ्वी पर वापसी और पुनः प्रवेश, वैज्ञानिक अध्ययन के लिए |

