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गढ़चिरौली में लौह अयस्क संयंत्र को मंज़ूरी

गढ़चिरौली में लौह अयस्क संयंत्र को मंज़ूरी
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गढ़चिरौली में लौह अयस्क संयंत्र को मंज़ूरी

| श्रेणी | विवरण | | ------------------------------------- | ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- | | परियोजना अनुमोदन | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने लॉयड मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड को गढ़चिरौली, महाराष्ट्र में एक लौह अयस्क बेनिफिकेशन प्लांट के लिए सैद्धांतिक रूप से वन मंजूरी प्रदान की। | | भूमि परिवर्तन | 937 हेक्टेयर वन भूमि परिवर्तित की जाएगी; 1.23 लाख पेड़ काटे जाएंगे। क्षतिपूरक वनीकरण चिपलुन, रत्नागिरी जिले में प्रस्तावित है। | | वन्यजीव संबंधी चिंताएं | ताडोबा-अंधारी और इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बीच बाघ गलियारे के साथ आंशिक अतिव्याप्ति। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की मंजूरी आवश्यक है। | | आर्थिक महत्व | औद्योगिक विकास (इस्पात उद्योग के लिए लौह अयस्क प्रसंस्करण) को बढ़ावा देने और LWE-प्रभावित गडचिरोली में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की उम्मीद। | | पर्यावरणीय चिंताएं | जैव विविधता (बाघ गलियारे) और आदिवासी अधिकारों (वन अधिकार अधिनियम अनुपालन आवश्यक) के लिए खतरे। कड़ी निगरानी आवश्यक है। | | इंद्रावती टाइगर रिजर्व | बीजापुर, छत्तीसगढ़ में स्थित; 1981 में स्थापित, 1983 में बाघ रिजर्व घोषित किया गया। मुख्य प्रजातियां: जंगली भैंस, बाघ, तेंदुआ, सांबर, गौर। | | ताडोबा-अंधारी टीआर | महाराष्ट्र में सबसे पुराना और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यानतडोबा (स्थानीय देवता) और अंधारी नदी के नाम पर नामित। मुख्य प्रजातियां: बाघ, तेंदुआ, स्लॉथ भालू, गौर, ढोल। |

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