अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2025: यात्रा और प्रभाव
| पहलू | विवरण | | --- | --- | | आयोजन | अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (आईईडी) | | तारीख | फरवरी के दूसरे सोमवार (10 फरवरी 2025) | | 2025 की थीम | मेरी मिर्गी यात्रा | | उद्देश्य | जागरूकता बढ़ाना, कलंक कम करना और मिर्गी के रोगियों का समर्थन करना। | | वैश्विक मिर्गी आंकड़े | - 650 मिलियन लोग दुनिया भर में प्रभावित। <br> - 80% मामले विकासशील देशों में। <br> - विकासशील देशों में प्रति 1,00,000 लोगों पर 40-70 नए मामले प्रतिवर्ष। | | भारत-विशिष्ट आंकड़े | - 10 मिलियन से अधिक (1 करोड़) लोग मिर्गी से जूझ रहे हैं। <br> - प्रसार: 1000 में 5.59 से 10 लोग। <br> - ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक (1.9%) बनाम शहरी क्षेत्रों (0.6%)। | | आर्थिक प्रभाव | - 2004: 16.1 मिलियन यूरो। <br> - 2010: 21.2 मिलियन यूरो। | | चुनौतियां | - कलंक और भेदभाव: रोजगार, विवाह और ड्राइविंग पर प्रतिबंध। <br> - उपचार की कमी: मिर्गी रोधी दवाओं तक पहुंच की कमी। <br> - उपचार प्रतिरोध: एक-तिहाई रोगी उपचार पर प्रतिक्रिया नहीं देते। | | आईईडी का महत्व | - कलंक को कम करना। <br> - अनुसंधान के लिए धन में वृद्धि। <br> - स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार में बेहतर नीतियों की वकालत करना। | | रोकथाम रणनीतियां | - दिमागी चोटों को रोकना (सीट बेल्ट, हेलमेट का उपयोग)। <br> - स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना (आहार, व्यायाम, धूम्रपान न करना)। <br> - मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण। <br> - संक्रमणों को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखना (उदाहरण: सिस्टिसरकोसिस)। |

