2030 तक भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र $325 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | अनुमानित ई-कॉमर्स विकास | भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र 2030 तक $325 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। | | वर्तमान बाजार आकार | वर्तमान में $70 बिलियन का मूल्य, जो भारत के कुल खुदरा बाजार का 7% है। | | डिजिटल अर्थव्यवस्था का अनुमान | भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2030 तक $800 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। | | मुख्य विकास कारक | बढ़ती इंटरनेट पहुंच, सस्ती इंटरनेट सेवाएं, और बढ़ता स्मार्टफोन उपयोग। | | ग्रामीण भारत की भूमिका | ग्रामीण भारत, जिसमें टियर 2-4 शहर शामिल हैं, 2026 तक महत्वपूर्ण मांग को बढ़ावा देगा। | | सरकारी ई-मार्केटप्लेस | GeM ने FY 2022-23 में $2011 बिलियन का सकल माल मूल्य (GMV) दर्ज किया। | | स्मार्टफोन पहुंच | 2026 तक भारत की 80% से अधिक आबादी के पास स्मार्टफोन की पहुंच होगी। | | UPI लेनदेन | UPI ने 2022 में $1.5 ट्रिलियन मूल्य के लेनदेन को सुगम बनाया। | | क्विक कॉमर्स बाजार | 2025 तक $5.5 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है। | | क्विक कॉमर्स में प्रमुख खिलाड़ी| स्विग्गी, ज़ोमैटो, और झेप्टो जैसे स्टार्टअप बाजार में अग्रणी हैं। | | सरकारी पहल | जन धन योजना, भारतनेट प्रोजेक्ट, और GST जैसी योजनाएं डिजिटल अर्थव्यवस्था को आकार दे रही हैं। |

