भारतीय रुपये की मजबूती और आरबीआई की भूमिका
| मुख्य बिंदु | विवरण | |----------------------------|------------------------------------------------------------------------------| | मुद्रा प्रदर्शन | भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.97 पर स्थिर हुआ। | | आरबीआई का हस्तक्षेप | आरबीआई ने गैर-वितरण योग्य फॉरवर्ड्स (एनडीएफ) और स्थानीय स्पॉट मार्केट का उपयोग किया। | | दबाव के कारक | विदेशी पोर्टफोलियो निकासी, बढ़ते कच्चे तेल के दाम, मजबूत डॉलर सूचकांक। | | डॉलर सूचकांक | मजबूत डॉलर सूचकांक ने रुपये के मूल्यह्रास में योगदान दिया। | | फॉरवर्ड प्रीमियम्स | 11 आधार अंक घटकर 2.27% पर पहुंच गया। | | अमेरिकी आर्थिक आंकड़े | सितंबर में 254,000 नौकरियां जोड़ी गईं, जो 140,000 के अनुमान से अधिक है। | | भारत के विदेशी मुद्रा भंडार | $700 बिलियन से अधिक, विदेशी मुद्रा संपत्ति और आरबीआई के कार्यों से समर्थित। | | आरबीआई की स्पॉट मार्केट गतिविधि | FY24 में $19.2 बिलियन का शुद्ध खरीदा, चालू वित्तीय वर्ष में $2.4 बिलियन का शुद्ध डॉलर बिक्री। |

