| मुख्य पहलू | विवरण | |-------------------------------|------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | भारतीय रेलवे द्वारा एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी, रुद्रस्त्र, का परीक्षण। | | लंबाई | 4.5 किलोमीटर (एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी)। | | वैगन | 345 | | इंजन | 7 (दो आगे और प्रत्येक रैक में हर 59 बोगियों के बाद एक)। | | भार क्षमता | 72 टन प्रति वैगन। | | संरचना | तीन लंबी दूरी के रैक को जोड़ना, जिनमें से प्रत्येक दो मानक मालगाड़ियों को मिलाकर बना है। | | गति | 40.5 किमी/घंटा (परीक्षण के दौरान औसत)। | | मार्ग | गंजख्वाजा रेलवे स्टेशन (चंदौली, उत्तर प्रदेश) से गढ़वा (झारखंड)। | | तय की गई दूरी | 209 किलोमीटर 5 घंटे 10 मिनट में। | | परिचालन लाभ | तेज डिलीवरी, कम ईंधन की खपत, कम भीड़भाड़, लागत दक्षता, बेहतर लॉजिस्टिक्स। | | इंजीनियरिंग उपलब्धि | अभिनव कपलिंग तकनीक, समान कर्षण और ब्रेकिंग के लिए सटीक इंजन प्लेसमेंट। | | शामिल मंडल | पूर्व मध्य रेलवे का पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू) और धनबाद मंडल। | | प्रमुख व्यक्ति | उदय सिंह मीना, मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम)। |
भारतीय रेलवे ने रुद्रस्त्र, एशिया की सबसे लंबी 4.5 किलोमीटर मालगाड़ी का परीक्षण करके एक मील का पत्थर हासिल किया। गंजख्वाजा (उत्तर प्रदेश) से गढ़वा (झारखंड) तक 209 किलोमीटर तक फैली, इसने उन्नत इंजीनियरिंग और परिचालन दक्षता का प्रदर्शन किया, जो तेजी से माल परिवहन और कम लॉजिस्टिक्स लागत का वादा करती है।

