FY25 में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
| मुख्य बिंदु | विवरण | | --- | --- | | शुद्ध लाभ (PSBs) | H1 FY25 में ₹85,520 करोड़ (H1 FY24 के ₹68,500 करोड़ से 25% की वृद्धि)। | | सकल एनपीए अनुपात (PSBs) | सितंबर 2024 में 3.12% (मार्च 2018 के 14.58% से कम)। | | उच्चतम संचयी शुद्ध लाभ | FY24 में ₹1.41 ट्रिलियन। | | पूंजी से जोखिम-वेटेड परिसंपत्ति अनुपात (CRAR) | सितंबर 2024 में PSBs के लिए 15.43% (RBI की न्यूनतम आवश्यकता: 11.5%)। | | परिसंपत्ति पर प्रतिफल (RoA) | FY24 में 1.4%। | | इक्विटी पर प्रतिफल (RoE) | FY24 में 14.6%। | | PSBs द्वारा लाभांश | पिछले तीन वर्षों में ₹61,964 करोड़। | | डिजिटल धोखाधड़ी से हानि | 2024 में ₹11,333 करोड़। | | RBI की 4Rs रणनीति | पहचान, पुनर्पूंजीकरण, समाधान और सुधार। | | वर्ष-दर-वर्ष ऋण वृद्धि (SCBs) | 15 नवंबर, 2024 तक 12.4%। | | वर्ष-दर-वर्ष जमा वृद्धि (SCBs) | 15 नवंबर, 2024 तक 11.6%। | | रिज़र्व बैंक की पहल | 2015 में एनपीए की पारदर्शी पहचान के लिए परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (AQR)। | | वैश्विक और राष्ट्रीय रैंकिंग प्रभाव | बैंकिंग स्थिरता में सुधार ने भारत को ट्विन बैलेंस शीट लाभ प्राप्त करने के करीब ला दिया है। | | प्रधानमंत्री का बयान | पीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने और रुकें, सोचें, कार्रवाई करें के मंत्र को बढ़ावा दिया। |

