भारत सरकार का 50,000 करोड़ रुपये का जल परिवहन प्रोत्साहन
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | कुल निवेश | अगले पांच वर्षों में ₹50,000 करोड़। | | फोकस क्षेत्र | - नए राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास। <br> - ग्रीन शिपिंग पहलों को बढ़ावा। <br> - वाटर मेट्रो परियोजनाओं का विस्तार। <br> - ढांचागत विकास (जैसे, फ्लोटिंग स्टील जेटियाँ)। | | ग्रीन शिपिंग | - कुल निवेश का 50% आवंटित। <br> - 1,000 ग्रीन जहाजों की शुरुआत। | | वाटर मेट्रो परियोजनाएं | - कोच्चि और गुवाहाटी सहित 15 शहरों में विस्तार। | | ढांचागत विकास | - गोदावरी नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग 4) पर छह फ्लोटिंग स्टील जेटियों का निर्माण। <br> - स्थान: गंडीपोचम्मा मंदिर, पोचावरम, पेरंतपल्ली गाँव (आंध्र प्रदेश)। | | ऐतिहासिक संदर्भ | - राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया गया। <br> - अंतर्देशीय जलमार्गों का अल्प उपयोग। | | रणनीतिक महत्व | - 2023 में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (IWDC) की स्थापना। <br> - केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग। | | भविष्य की संभावनाएं | - 26 व्यवहार्य राष्ट्रीय जलमार्गों में से 20 का विकास। <br> - जल आधारित व्यापार में वृद्धि। <br> - लॉजिस्टिक लागत में कमी। <br> - पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा। |

