यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका
| पहलू | विवरण | |-----------------------------|----------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | स्विट्ज़रलैंड द्वारा आयोजित यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन, 15-16 जून 2024 | | उद्देश्य | यूक्रेन में जारी संघर्ष को संबोधित करना और शांति के रास्तों पर चर्चा करना | | उपस्थिति | 90 से अधिक देश, जिनमें यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल हैं | | कम्यूनिके के मुख्य बिंदु | - यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन <br> - संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान <br> - परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और मानवीय चिंताओं पर ध्यान | | अनुपस्थित | रूस और चीन, जिन्होंने शिखर सम्मेलन को अपनी भागीदारी के बिना प्रभावहीन बताया | | भारत की स्थिति | भारत ने अंतिम कम्यूनिके पर हस्ताक्षर करने से परहेज किया, क्योंकि रूस की अनुपस्थिति और समावेशी संवाद की आवश्यकता को रेखांकित किया | | भारत का प्रतिनिधि | विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर | | वैश्विक प्रतिक्रिया | 80 से अधिक देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कम्यूनिके का समर्थन किया | | मुख्य बिंदु | - भारत ने सभी हितधारकों, जिनमें रूस भी शामिल है, के साथ संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया <br> - कम्यूनिके में यूक्रेन की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की बात कही गई |

