भारत ने म्यांमार के सिट्टवे बंदरगाह पर पूर्ण नियंत्रण हासिल किया
| पहलू | विवरण | |------------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | बंदरगाह का नाम | सित्तवे बंदरगाह, म्यांमार | | परिचालन नियंत्रण | इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल (IPGL) को पूर्ण परिचालन नियंत्रण प्राप्त हो गया है। | | स्वामित्व | IPG भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। | | समझौते का प्रकार | दीर्घकालिक पट्टा, जिसे हर तीन साल में नवीनीकृत किया जा सकता है। | | रणनीतिक महत्व | ईरान के चाबहार बंदरगाह के बाद भारत का दूसरा विदेशी बंदरगाह अधिग्रहण। | | परियोजना के साथ एकीकरण | इसे कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। | | संपर्कता | म्यांमार के सित्तवे और भारत के मिजोरम के बीच जलमार्ग और सड़क नेटवर्क के माध्यम से संपर्कता बढ़ाता है। | | आर्थिक लाभ | इसका उद्देश्य परिवहन लागत को कम करना और मिजोरम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापार को बढ़ावा देना है। | | सुरक्षा संबंधी चिंताएं | म्यांमार के रखाइन राज्य में म्यांमार सेना और अराकान आर्मी विद्रोहियों के बीच जारी संघर्ष। | | संभावित जोखिम | रखाइन पर विद्रोहियों का नियंत्रण बंदरगाह के संचालन को खतरे में डाल सकता है। |

