भारत और सिंगापुर ने हरित और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर पर समझौता किया
| कार्यक्रम/पहल | विवरण | |------------------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | सिंगापुर-भारत ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSC) | भारत और सिंगापुर ने 25 मार्च, 2025 को सिंगापुर मैरीटाइम वीक (SMW) के दौरान इरादा पत्र (Letter of Intent - LoI) पर हस्ताक्षर किए। यह सहयोग समुद्री डिजिटलीकरण और डीकार्बोनाइजेशन पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करना और डिजिटल समाधानों को एकीकृत करना है। एक समझौता ज्ञापन (MoU) इस समझौते को औपचारिक रूप प्रदान करेगा। | | भारत-नीदरलैंड्स समुद्री चर्चा | चर्चाओं में ब्रह्मपुत्र और बराक जैसी कम गहराई वाली नदियों में कार्गो आवागमन प्रबंधन के लिए डच विशेषज्ञता का उपयोग करने की संभावनाओं को तलाशा गया। | | केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का संबोधन | उन्होंने GDSC की नवाचार और कम उत्सर्जन वाली तकनीकों को अपनाने में भूमिका पर प्रकाश डाला। सिंगापुर की समुद्री नेतृत्व क्षमता के साथ भारत की आईटी और हरित ईंधन उत्पादन क्षमताओं को मिलाकर स्थिरता और दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया। | | सिंगापुर क्रूज़ सेंटर की यात्रा | सोनोवाल ने गोवा, मुंबई और चेन्नई में इसी तरह के टर्मिनल बनाने के लिए सिंगापुर की क्रूज़ अवसंरचना का अध्ययन किया। | | उद्योग नेताओं के साथ संवाद | सिंगापुर चैंबर ऑफ मैरीटाइम अर्बिट्रेशन (SCMA) और नीदरलैंड्स के शीर्ष उद्योग नेताओं के साथ बैठकें आयोजित की गईं। |

