भारत ने यूनेस्को को वैश्विक धरोहर संरक्षण के लिए $1 मिलियन का योगदान दिया
|------------------------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घोषणा | पीएम मोदी ने यूनेस्को को भारत का दस लाख डॉलर योगदान देने की घोषणा की। | | आयोजन | विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित। | | उद्देश्य | विश्व विरासत संरक्षण को समर्थन, विशेषकर ग्लोबल साउथ में। | | विरासत संरक्षण प्रयास | अंगकोर वाट (कंबोडिया), चाम मंदिर (वियतनाम) और बागान स्तूप (म्यांमार) जैसे स्थलों को सहायता। | | अनुदान का उपयोग | क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और विरासत स्थलों का संरक्षण। | | नई पहल | विश्व विरासत प्रबंधन में प्रमाणपत्र कार्यक्रम भारत में शुरू किया गया। | | वैश्विक सहयोग की अपील | पीएम मोदी ने विरासत संरक्षण में एकता और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। | | भारत के विरासत परियोजनाएं | विश्वनाथ कॉरिडोर, राम मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय, आयुर्वेद प्रचार। | | इंजीनियरिंग चमत्कार | केदारनाथ मंदिर (8वीं शताब्दी), दिल्ली में जंगरोधी लोहे का खंभा (2000 साल पुराना)। | | प्रस्तावित यूनेस्को स्थल | पूर्वोत्तर भारत में मैदम को भारत का 43वां विश्व धरोहर स्थल प्रस्तावित किया गया। |

