भारत ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खोला
| पहलू | विवरण | |-----------------------------------|--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | नीतिगत बदलाव | भारत सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के संचालकों को अनुमति देने की योजना बना रही है। | | दायित्व सीमा | निवेश और साझेदारी को आकर्षित करने के लिए निजी ऑपरेटरों के लिए दायित्व को सीमित करने का प्रस्ताव है। | | कानूनी समायोजन | परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 (सीएलएनडी अधिनियम) में संभावित संशोधन। | | निजी भागीदारी | भारत में निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का संचालन करने की पहली बार अनुमति। | | अमेरिकी भागीदारी | अमेरिका अपनी कंपनियों को भारत में परमाणु उपकरण बनाने और डिजाइन का काम करने की अनुमति देता है। | | भारत-अमेरिका परमाणु समझौता | 2008 के समझौते के बाद से बढ़ते भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु सहयोग को दर्शाता है। | | ऊर्जा सुरक्षा | स्वच्छ और बेस-लोड ऊर्जा को बढ़ाकर ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने का लक्ष्य है। | | परमाणु क्षमता लक्ष्य | भारत का लक्ष्य 2031 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 22 जीडब्ल्यू करना है। | | वर्तमान परमाणु परिदृश्य | भारत में 22 परिचालन परमाणु रिएक्टर हैं, जो सभी एनपीसीआईएल के स्वामित्व में हैं। | | बिजली का योगदान | परमाणु ऊर्जा भारत के बिजली मिश्रण में लगभग 3% का योगदान करती है। |

