राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन: भारत की बड़ी उपलब्धि
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | पहल | राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) | | शुरुआत | 2015 | | प्राथमिक लक्ष्य | भारत में स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं का निर्माण और तैनाती करना | | केंद्रित क्षेत्र | अनुसंधान और विकास (R&D) में वृद्धि, सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता, शिक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा आदि के लिए समर्थन | | मुख्य घटक | सुपरकंप्यूटर की स्थापना, त्रिनेत्र जैसे उच्च गति वाले नेटवर्क, HPC (उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग) और AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के लिए प्रशिक्षण केंद्र | | तैनात सुपरकंप्यूटर | 34 सुपर कंप्यूटर (मार्च 2025 तक), 35 पेटाफ्लॉप्स क्षमता | | प्रमुख संस्थान | आईआईएससी, आईआईटी, सी-डैक | | समर्थित शोधकर्ता | 10,000 से अधिक शोधकर्ता (1,700+ पीएचडी स्कॉलर) | | अनुसंधान आउटपुट | 1 करोड़ कंप्यूट जॉब्स पूरे हुए, 1,500+ पेपर प्रकाशित | | महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र | दवा खोज, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु मॉडलिंग, खगोल विज्ञान, सामग्री अनुसंधान | | स्वदेशी विकास | PARAM रुद्र, त्रिनेत्र नेटवर्क | | उल्लेखनीय परियोजनाएं | ऐरावत (200 पेटाफ्लॉप्स, विश्व स्तर पर 75वें स्थान पर), परम प्रवेग (3.3 पेटाफ्लॉप्स), परम शिवाय (पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर) | | चरण | पहला चरण: प्रारंभिक बुनियादी ढांचा, दूसरा चरण: स्वदेशी विनिर्माण, तीसरा चरण: पूर्ण स्वदेशीकरण | | ISM से समर्थन | सुपरकंप्यूटिंग के लिए सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ाने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) |

