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| मुख्य पहलू | विवरण | |------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | भारत ने IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस 2025 में राष्ट्रीय लाल सूची रोडमैप लॉन्च किया | | स्थान | एशिया मंडप | | अनावरणकर्ता | केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, कीर्ति वर्धन सिंह | | उद्देश्य | प्रजातियों की संरक्षण स्थिति का आकलन और निगरानी करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित, विज्ञान-आधारित ढांचा विकसित करना | | मुख्य विशेषताएं | - साक्ष्य-आधारित और समावेशी दृष्टिकोण <br> - IUCN लाल सूची पद्धति के साथ अनुरूप | | सहयोगी | IUCN, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI), भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI), प्रजाति अस्तित्व केंद्र | | जैव विविधता हाइलाइट्स | - चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट: हिमालय, पश्चिमी घाट, भारत-बर्मा, सुंडालैंड <br> - 104,000 से अधिक जीव प्रजातियां <br> - फूल वाले पौधों की 18,000 से अधिक प्रजातियां <br> - लगभग 20,000 समुद्री प्रजातियां <br> - 28% पौधों की प्रजातियां और 30% जानवरों की प्रजातियां भारत में स्थानिक हैं | | कानूनी प्रतिबद्धताएं | - वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (2022 में संशोधित) <br> - जैविक विविधता पर कन्वेंशन और कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क का समर्थन करता है | | 2030 तक परिणाम | वनस्पतियों और जीवों के लिए राष्ट्रीय लाल डेटा पुस्तकें का प्रकाशन | | वैश्विक संदर्भ | IUCN लाल सूची ने 163,000 से अधिक प्रजातियों का आकलन किया है, जिनमें से 28% विलुप्त होने के खतरे में हैं |

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