हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत का राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | मिशन का नाम | राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) | | शुरुआत वर्ष | 2025 | | अग्रणी एजेंसी | भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) | | समन्वयक मंत्रालय | खान मंत्रालय | | मुख्य उद्देश्य | दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करना, आयात निर्भरता कम करना, वैश्विक साझेदारी बनाना, मूल्य श्रृंखला विकसित करना, अनुसंधान एवं विकास (R&D) और कौशल विकास को बढ़ावा देना | | चिह्नित महत्वपूर्ण खनिज | 30 खनिज (उदाहरण के लिए, लिथियम, कोबाल्ट, दुर्लभ मृदा तत्व, निकल, टंगस्टन) | | MMDR अधिनियम, 1957 में शामिल | अनुसूची I के भाग D के तहत 24 खनिज | | अनुप्रयोग | सौर ऊर्जा (सिलिकॉन, टेल्यूरियम), पवन ऊर्जा (डिस्प्रोसियम, नियोडाइमियम), ईवी (लिथियम, निकल, कोबाल्ट), ऊर्जा भंडारण (लिथियम-आयन बैटरी) | | सौर ऊर्जा क्षमता | 64 GW | | पवन ऊर्जा लक्ष्य | 2030 तक 140 GW (42 GW से) | | ईवी तैनाती लक्ष्य | 6-7 मिलियन (NEMMP लक्ष्य) | | अन्वेषण परियोजनाएं (2024-25) | 195 नई परियोजनाएं (राजस्थान में 35) | | महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक | 100 से अधिक की नीलामी की जाएगी | | अपतटीय अन्वेषण | पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स (Co, Ni, Mn, REEs) | | सुधार | निजी खिलाड़ियों के लिए अन्वेषण लाइसेंस (EL), द्वितीयक स्रोत वसूली के लिए प्रोत्साहन | | वैश्विक साझेदारी | अर्जेंटीना (CAMYEN SE) और ऑस्ट्रेलिया (महत्वपूर्ण खनिज कार्यालय) के साथ काबिल समझौते | | घरेलू उद्योग | आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड (दुर्लभ मृदा निष्कर्षण और शोधन) | | आईआरईएल का टर्नओवर (2021-22)| ₹14,625 मिलियन |

