भारत ने सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वदेशी एचपीवी किट लॉन्च की
| श्रेणी | विवरण | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | मुख्य मुद्दा | सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो वैश्विक मृत्यु दर में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जीवित रहने के लिए शुरुआती निदान महत्वपूर्ण है। | | मुख्य विकास | स्वदेशी रूप से विकसित एचपीवी (HPV) टेस्ट किट 23 अप्रैल, 2025 को लॉन्च किए गए, जो भारत में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग (screening) में क्रांति लाएंगे। | | मुख्य विशेषताएं | - 7-8 सबसे आम कैंसर पैदा करने वाले एचपीवी (HPV) प्रकारों को लक्षित करता है।<br>- पाॅप स्मीयर जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में किफायती और कुशल।<br>- आरटी-पीसीआर (RTPCR) आधारित तकनीक का उपयोग करता है। | | विकास | एम्स (AIIMS), दिल्ली के नेतृत्व में, एनआईसीपीआर (NICPR), नोएडा और एनआईआरआरसीएच (NIRRCH), मुंबई द्वारा समर्थित। डीबीटी (DBT) और बीआईआरएसी (BIRAC) द्वारा ग्रैंड चैलेंजेस इंडिया (Grand Challenges India) कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित। | | लाभ | - बेहतर नैदानिक सटीकता।<br>- कोविड के बाद आरटी-पीसीआर (RTPCR) बुनियादी ढांचे का लाभ उठाता है।<br>- सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO) की सिफारिशों के अनुरूप है। | | वर्तमान चुनौतियां | - देर से निदान।<br>- स्क्रीनिंग (screening) तक सीमित पहुंच।<br>- राष्ट्रीय स्क्रीनिंग (screening) कार्यक्रमों की आवश्यकता। | | सहयोगी | डब्ल्यूएचओ (WHO) और उसकी अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) ने सत्यापन और अनुसंधान में योगदान दिया। |

