भारत और जापान का चंद्रयान-5 मिशन
| पहलू | विवरण | |------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | मिशन का नाम | चंद्रयान-5 (लूपेक्स - चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन) | | सहयोगी | इसरो (भारत) और जाक्सा (जापान) | | उद्देश्य | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी और पानी-बर्फ (सतह + उपसतह) का अन्वेषण करना | | नियोजित लॉन्च | 2027-28 जापान के H3 रॉकेट पर | | अवधि | 100 दिन (प्रस्तावित) | | लैंडर | इसरो द्वारा निर्मित | | रोवर | 350 किग्रा, जाक्सा द्वारा विकसित | | उपकरण | 7 ऑनबोर्ड, जिसमें ईएसए और नासा का योगदान शामिल है | | मुख्य उपकरण | - चार सेंसर (इसरो द्वारा 1, जाक्सा द्वारा 3) वाला एक बड़ा उपकरण | | | - ईएसए: एक मास स्पेक्ट्रोमीटर विकसित कर रहा है | | | - नासा: न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर डिजाइन कर रहा है | | तकनीकी क्षमताएं | - रोवर दूरी तय कर सकता है और 25° झुकाव तक ढलानों पर चढ़ सकता है | | | - नमूना संग्रह से पहले और बाद में चार्जिंग सिस्टम की योजना बनाई गई है | | | - मिशन के जीवन को एक अतिरिक्त वर्ष तक बढ़ाने की संभावना | | | - यदि परिस्थितियाँ अनुमति दें तो भविष्य के अन्वेषण में चंद्रमा का दूर का भाग शामिल होगा | | पृष्ठभूमि | - मार्च 2025: भारतीय मंत्रिमंडल द्वारा मिशन को मंजूरी दी गई | | | - 2023: भारत का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा | | | - आगामी: चंद्रयान-4 एक नमूना वापसी मिशन होगा |

