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भारत-जापान यूरिया-कुशल गेहूं किस्मों पर सहयोग

भारत-जापान यूरिया-कुशल गेहूं किस्मों पर सहयोग
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भारत-जापान यूरिया-कुशल गेहूं किस्मों पर सहयोग

| पहलू | विवरण | |---------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | समाचार में क्यों? | भारतीय और जापानी संस्थानों के बीच BNI-आधारित गेहूं की किस्मों को विकसित करने के लिए सहयोग। | | मुख्य संस्थान | ICAR-CSSRI, करनाल; IIWBR; IARI; BISA; JIRCAS; JICA द्वारा वित्त पोषित। | | उद्देश्य | यूरिया निर्भरता कम करना, पर्यावरणीय स्थिरता, उत्पादकता और सब्सिडी के बोझ को संबोधित करना। | | प्रौद्योगिकी | जैविक नाइट्रिफिकेशन निषेध (Biological Nitrification Inhibition - BNI)। | | परिवर्तनकारी क्षमता | नाइट्रोजन उर्वरक की मांग को कम करता है, नाइट्रोजन लीचिंग को कम करता है, मिट्टी और पानी को संरक्षित करता है। | | प्रारंभिक परिणाम | उपज या गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूरिया उपयोग में 15-20% की कमी। | | भविष्य के प्रभाव | गेहूं की खेती में क्रांति लाना, यूरिया निर्भरता को कम करना, वैश्विक कृषि चुनौतियों को संबोधित करना। | | BNI की परिभाषा | प्राकृतिक पौध प्रक्रिया जो नाइट्रिफिकेशन को नियंत्रित करती है, नाइट्रोजन-उपयोग दक्षता को बढ़ाती है। | | यूरिया पर सब्सिडी | कृषि उपयोग के लिए यूरिया अत्यधिक सब्सिडी वाला है, इसे सरकार द्वारा निर्धारित MRP पर बेचा जाता है। |

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