वैश्विक AI दौड़ में भारत
I. भारत की महत्वाकांक्षा बनाम वास्तविकता
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वैश्विक आकांक्षा:
- AI शासन में वैश्विक दक्षिण के लिए अग्रणी आवाज
- लोकतांत्रिक वैधता और GPAI नेतृत्व का लाभ उठाना
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घरेलू कमियाँ:
- इंडियाएआई मिशन (₹10,372 करोड़) में कमियाँ:
- कैबिनेट द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय रणनीति का अभाव
- राजनीतिक जनादेश का अभाव (MeitY सेक्शन 8 कंपनी के रूप में रखा गया)
- मंत्रालयों में समन्वय प्राधिकरण का अभाव
- इंडियाएआई मिशन (₹10,372 करोड़) में कमियाँ:
II. संरचनात्मक कमजोरियाँ
| डोमेन | प्रमुख कमियाँ | वैश्विक तुलना | |---|---|---| | | प्रतिभा और अनुसंधान एवं विकास | • कमजोर पीएचडी पाइपलाइन <br> • विश्वविद्यालयों की कम रैंकिंग <br> • अमेरिका/यूरोप में प्रतिभा पलायन | चीन: 25% वैश्विक AI पेपर <br> अमेरिका: 60% शीर्ष AI फर्म | | | निजी क्षेत्र | • IT फोकस: सेवाएँ > नवाचार <br> • डीप-टेक में कम VC <br> • कोई "AI-फर्स्ट" दिग्गज नहीं | अमेरिका: Google/Meta <br> चीन: Baidu/Alibaba | | | शासन | • AI पर <1% संसदीय प्रश्न <br> • कोई निरीक्षण तंत्र नहीं <br> • टेक्नोक्रेटिक नीति निर्माण | EU: AI अधिनियम (जोखिम-आधारित ढांचा) <br> UK: AI सुरक्षा संस्थान | |
III. लोकतांत्रिक शासन की कमियाँ
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संसदीय बहिष्कार:
- कोई द्विदलीय सहमति या समर्पित समितियाँ नहीं
- नीति वैधता और सार्वजनिक विश्वास को कमजोर करता है
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महत्वपूर्ण उपेक्षा:
- रणनीतिक स्वायत्तता, सार्वजनिक डेटा का उपयोग, ऊर्जा की माँग
- राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थों का समाधान नहीं
IV. रणनीतिक समाधान
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राष्ट्रीय AI रणनीति:
- कैबिनेट द्वारा अनुमोदित सुरक्षा/अर्थव्यवस्था के साथ संरेखित रोडमैप
- वैधता के लिए संसदीय बहस
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संस्थागत सुधार:
- क्रॉस-मंत्रालयी जनादेश के साथ सशक्त AI प्राधिकरण
- निरीक्षण के लिए AI पर स्थायी समिति
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क्षमता निर्माण:
- अकादमिक-उद्योग अनुसंधान एवं विकास केंद्र
- डीप-टेक स्टार्टअप को प्रोत्साहन (जैसे, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड)
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वैश्विक जुड़ाव:
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए GPAI का लाभ उठाएँ
- इंडिया स्टैक (DPI मॉडल) का निर्यात करें
डेटा पॉइंट: भारत में दुनिया की AI प्रतिभा पूल का केवल 3% है, जबकि जनसंख्या का 20% (नीति आयोग 2024) है।
प्रीलिम्स लिंक: कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) - 29 सदस्य, भारत संस्थापक सदस्य।

