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भारत का लक्ष्य: वैश्विक मध्यस्थता केंद्र बनना

भारत का लक्ष्य: वैश्विक मध्यस्थता केंद्र बनना
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भारत का लक्ष्य: वैश्विक मध्यस्थता केंद्र बनना

| श्रेणी | विवरण | |---|---| | कार्यक्रम | संस्थागत मध्यस्थता पर महत्वपूर्ण सम्मेलन 14 जून, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। | | स्थान | भारत मंडपम, नई दिल्ली। | | आयोजक | विधि कार्य विभाग, भारत सरकार। | | मुख्य उद्देश्य | वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) तंत्र, विशेष रूप से संस्थागत मध्यस्थता को मजबूत करना। | | लक्ष्य | - अदालतों में लंबित मामलों (5 करोड़ से अधिक लंबित मामले) को कम करना। <br> - भारत को एक वैश्विक मध्यस्थता केंद्र बनाना। <br> - निवेशक के भरोसे और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देना। <br> - ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और आत्मनिर्भर भारत का समर्थन करना। | | मुख्य तंत्र | मुकदमेबाजी के विकल्प के रूप में मध्यस्थता, मध्यस्थता (mediation), सुलह (conciliation)। | | मुख्य प्रतिभागी | - अर्जुन राम मेघवाल (केंद्रीय कानून मंत्री)। <br> - अरुण कुमार सिंह (ओएनजीसी अध्यक्ष)। <br> - अंजू राठी राणा (विधि सचिव)। <br> - न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हेमंत गुप्ता (अध्यक्ष, भारत अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र)। | | मुख्य आकर्षण | - समयबद्ध मध्यस्थता पर जोर। <br> - तदर्थ (ad hoc) मध्यस्थता की तुलना में संस्थागत मध्यस्थता को प्राथमिकता। <br> - मध्यस्थता में न्यूनतम न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता। <br> - कॉर्पोरेट-अनुकूल विवाद समाधान पर जोर। | | महत्व | - मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना। <br> - अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक विवाद समाधान में भारत की स्थिति को बढ़ाना। <br> - वैश्विक व्यापार के भरोसे का समर्थन करना। |

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