भारत का पहला подводный संग्रहालय: आईएनएस गुलदार
| श्रेणी | विवरण | |------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | परियोजना का नाम | भारत का पहला पानी के नीचे का संग्रहालय और कृत्रिम कोरल रीफ | | स्थान | निवती रॉक्स के पास, वेंगुर्ला तट से दूर, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र | | मुख्य ढांचा | सेवानिवृत्त युद्धपोत INS गुलदार | | परियोजना लागत | ₹46.91 करोड़ केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत | | कार्यान्वयन एजेंसी | महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (MTDC) | | लॉन्च तिथि | 11 जून, 2025 (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा वस्तुतः भाग लिया गया) | | जहाज का विवरण | 1,120-टन लैंडिंग शिप टैंक (LST), जनवरी 2024 में सेवामुक्त | | पर्यावरण तैयारी | सुरक्षित जलमग्नता के लिए सफाई की गई | | प्राथमिक उद्देश्य | समुद्री जैव विविधता, पर्यावरण-पर्यटन, पानी के नीचे साहसिक पर्यटन (स्कूबा डाइविंग, पनडुब्बी पर्यटन) को बढ़ावा देना | | पारिस्थितिक प्रभाव | कृत्रिम चट्टान समुद्री जीवन को फिर से जीवंत करेगी, स्थानीय मत्स्य पालन का समर्थन करेगी | | अपेक्षित लाभ | तटीय पर्यटन, रोजगार, समुद्री संरक्षण जागरूकता और शैक्षिक मूल्य को बढ़ावा मिलेगा | | रणनीतिक संरेखण | ब्लू अर्थव्यवस्था, सतत पर्यटन और समुद्री विरासत का समर्थन करता है |

