भारत ने रतापानी को 57वां बाघ अभयारण्य घोषित किया
| प्रमुख बिंदु | विवरण | | --- | --- | | खबर में क्यों? | मध्य प्रदेश के रतापानी वन्यजीव अभयारण्य को भारत का 57वाँ टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। | | राज्य | मध्य प्रदेश | | टाइगर रिजर्व घोषणा | वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38वी के तहत घोषित किया गया। | | कुल टाइगर रिजर्व | भारत में 57 टाइगर रिजर्व हैं, जो लगभग 82,000 वर्ग किमी में फैले हुए हैं और देश के भौगोलिक क्षेत्र का 2.3% हिस्सा कवर करते हैं। | | प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत | 1 अप्रैल 1973 को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हुई। | | प्रारंभिक टाइगर रिजर्व | नौ रिजर्व, जिनमें कॉर्बेट (उत्तराखंड), कान्हा (मध्य प्रदेश), रणथंभौर (राजस्थान), और सुंदरबन (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं। | | भारत की बाघ आबादी (2022) | 3,167 बाघ, जो वैश्विक जंगली बाघ आबादी का 70% हैं। | | रतापानी अभयारण्य | मध्य प्रदेश में स्थित, अब प्रोजेक्ट टाइगर पहल का हिस्सा है। | | अधिसूचना प्रक्रिया | राज्य द्वारा शुरू की गई, जिसमें धारा 38वी के तहत अंतिम अधिसूचना जारी की गई, जो संरक्षण गतिविधियों के लिए कानूनी सुरक्षा और केंद्रीय धन सुनिश्चित करती है। | | एनटीसीए की भूमिका | हर चार साल में किए जाने वाले ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन के माध्यम से बाघ आबादी की निगरानी करता है। |

