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भारत का एआई-संचालित सैन्य रणनीति में कदम

भारत का एआई-संचालित सैन्य रणनीति में कदम
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भारत का एआई-संचालित सैन्य रणनीति में कदम

| पहलू | विवरण | |----------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | भारत के रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2025 में लेथल ऑटोनॉमस वेपन सिस्टम्स (LAWS) पर एक पायलट अध्ययन किया। | | सहयोग | यह अध्ययन मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के साथ किया गया। | | फोकस | आधुनिक युद्ध में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका और LAWS के नैतिक, कानूनी और जवाबदेही संबंधी चुनौतियाँ। | | रक्षा में AI का महत्व | AI स्वायत्त सैन्य प्रणालियों, तेज़ निर्णय लेने और स्ट्रैटेजिक स्वायत्तता को सक्षम बनाता है। | | चुनौतियाँ | AI एकीकरण के प्रारंभिक चरण; प्रौद्योगिकीय जटिलता, विश्वसनीयता, नियंत्रण और AI घटकों पर अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण जैसी बाधाएँ। | | वैश्विक संदर्भ | अमेरिका, चीन, रूस, जापान और दक्षिण कोरिया सहित 50 से अधिक देश रक्षा के लिए AI विकसित कर रहे हैं। | | भारत की AI रणनीति | रक्षा AI परिषद और रक्षा AI प्रोजेक्ट एजेंसी की स्थापना की; रक्षा में AI के लिए 75 प्राथमिकता वाले क्षेत्र चिन्हित किए। | | नैतिक ढांचा | भारत जिम्मेदार AI उपयोग की वकालत करता है; विश्वसनीयता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, गोपनीयता और सुरक्षा के पाँच सिद्धांतों पर आधारित ढांचा अपनाया। | | वैश्विक वकालत | भारत ने 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के LAWS संकल्प पर मतदान से परहेज किया, लेकिन सैन्य अनुप्रयोगों में जिम्मेदार AI उपयोग पर UN चर्चाओं का समर्थन करता है। |

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