भारत यूनेस्को और MeitY के साथ वैश्विक नैतिक मानकों पर AI पारिस्थितिकी को संरेखित करता है
| पहलू | विवरण | |--------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम का नाम | एआई रेडीनेस असेसमेंट मेथडोलॉजी (रैम) स्टेकहोल्डर परामर्श | | आयोजक | यूनेस्को दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मीटी), इकिगाई लॉ | | तिथियाँ | 16-17 जनवरी, 2025 | | स्थल | आईआईआईटी बैंगलोर, नैसकॉम एआई कार्यालय | | उद्देश्य | भारत-विशिष्ट एआई नीति रिपोर्ट विकसित करना, जो भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र में मजबूती और विकास के अवसरों की पहचान करे। | | मुख्य उपकरण | एआई रैम: एक नैदानिक उपकरण जो एआई बुनियादी ढांचे, विधान, घटकों और स्टेकहोल्डर्स का आकलन करता है। | | संलग्न स्टेकहोल्डर्स | सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग, नागरिक समाज | | ध्यान केंद्रित क्षेत्र | नैतिक एआई अपनाने, पारदर्शिता, समावेशिता, निष्पक्षता, और जिम्मेदार शासन। | | स्टार्टअप्स की भूमिका | भारत के एआई नवाचार परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में चिह्नित। | | विशेषज्ञ वक्ता | डॉ. मारियाग्राज़िया स्क्विस्चेरिनी (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सामाजिक और मानव विज्ञान, यूनेस्को) | | भारत की एआई पहलों के साथ संरेखण | इंडियाएई मिशन: ₹10,000 करोड़ का फंड, सुरक्षित और विश्वसनीय एआई स्तंभ, नैतिक एआई प्रथाओं, स्व-मूल्यांकन ढांचे और एआई के लाभों को लोकतांत्रिक बनाने पर ध्यान। |

