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जैतापुर व गोरखपुर में भारत की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में प्रगति

जैतापुर व गोरखपुर में भारत की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में प्रगति
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जैतापुर व गोरखपुर में भारत की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में प्रगति

| पहलू | विवरण | |------------------------------------|------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | परियोजनाएं | जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (महाराष्ट्र), गोरखपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना (हरियाणा) | | स्थान | जैतापुर (महाराष्ट्र), गोरखपुर (फ़तेहाबाद जिला, हरियाणा) | | महत्व | गोरखपुर: उत्तर भारत में पहली परमाणु परियोजना; जैतापुर: पूरा होने पर भारत का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र | | क्षमता | जैतापुर: 1,730 मेगावॉट के छह रिएक्टर्स, कुल 10,380 मेगावॉट; गोरखपुर: भारत की परमाणु क्षमता विस्तार का हिस्सा | | लक्ष्य में योगदान | जैतापुर 2047 तक भारत के 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य में 10% का योगदान देगा | | पर्यावरणीय स्थिति | जैतापुर की पर्यावरणीय मंजूरी दिसंबर 2022 में समाप्त हुई, नवीनीकरण प्रक्रिया में है | | सुरक्षा उपाय | सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल, भूकंपीय क्षेत्र संबंधी विचार, कई पर्यावरणीय अध्ययन | | परमाणु दायित्व | परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व (CLND) ढाँचा और 1,500 करोड़ रुपये का बीमा पूल स्थापित है | | नीतिगत परिवर्तन | निजी क्षेत्र की भागीदारी शुरू की गई; 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य | | वैश्विक संरेखण | भारत वैश्विक परमाणु मुआवजा तंत्र के साथ संरेखित है | | प्रमुख व्यक्तित्व | केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह |

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