भारत ने रामसर सूची में चार नए आर्द्रभूमि जोड़े, उधवा झील शामिल
| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | समाचार में क्यों? | रामसर कन्वेंशन ने भारत में 4 नए आर्द्रभूमि को मान्यता दी, जिससे कुल संख्या 89 हो गई। | | नए जोड़े गए स्थल | सक्कारकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु), थेरथंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु), खेचेवपालरी आर्द्रभूमि (सिक्किम), ऊझा झील (झारखंड)। | | राज्यवार वितरण | तमिलनाडु में सबसे अधिक रामसर स्थल हैं (20)। सिक्किम और झारखंड पहली बार इस सूची में शामिल हुए हैं। | | भारत की वैश्विक रैंकिंग | भारत के पास एशिया में सबसे अधिक रामसर स्थल हैं और यह यूके और मेक्सिको के बाद तीसरे स्थान पर है। | | आर्द्रभूमि का महत्व | आर्द्रभूमि बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, जैव विविधता समर्थन और संसाधन जैसी पारिस्थितिकी सेवाएं प्रदान करती हैं। | | ऊझा झील विवरण | - स्थान: साहेबगंज जिला, झारखंड। <br> - स्थापना: 1991, झारखंड का एकमात्र पक्षी अभयारण्य। <br> - नदियाँ: पटौरान और बेरहले जल निकाय। | | रामसर कन्वेंशन | आर्द्रभूमि संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि (1971)। भारत ने इसे 1 फरवरी 1982 को अपनाया। | | मोंट्रो रिकॉर्ड | उन आर्द्रभूमि स्थलों का रजिस्टर जहाँ मानवीय हस्तक्षेप के कारण पारिस्थितिक परिवर्तन हुए हैं। |

