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उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि

उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
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उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि

| श्रेणी | विवरण | |---------------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | समाचार घटना | उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन पिछले 8 वर्षों में 10 गुना बढ़ गया है। | | मुख्य एजेंसी | उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (UPNEDA) | | स्थापित क्षमता (2017) | 288 मेगावाट | | प्रोजेक्टेड क्षमता (2025) | 2,653 मेगावाट | | प्रमुख नीति | सौर ऊर्जा नीति - 2022: जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए 5 वर्षों में 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य। | | प्रमुख परियोजनाएं | - बुंदेलखंड में सोलर पावर पार्क: 4,000 मेगावाट क्षमता। <br> - चित्रकूट, बांदा और अन्य क्षेत्रों में 800 मेगावाट सौर परियोजनाएं। <br> - रूफटॉप सोलर: 508 मेगावाट स्थापित। | | राज्य रैंकिंग | उत्तर प्रदेश सौर रूफटॉप इंस्टालेशन में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर है। | | फ्लोटिंग सोलर प्लांट | - औरैया के दिबियापुर में पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट<br> - ललितपुर में 1 गीगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। | | सौर ऊर्जा के प्रकार | - सौर थर्मल: सूर्य की गर्मी से पानी गर्म करना। <br> - सौर फोटोवोल्टाइक (PV): सूर्य की रोशनी को बिजली में परिवर्तित करना। | | सौर ऊर्जा के उपयोग | - शहरों को सोलर फार्म के माध्यम से बिजली प्रदान करना। <br> - दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करना। <br> - रूफटॉप पैनल के माध्यम से घरों और व्यावसायिक इमारतों को ऊर्जा देना। | | सौर ऊर्जा के उपयोग का उदाहरण | कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सौर ऊर्जा का प्रभावी ढंग से उपयोग करता है। | | सौर ऊर्जा का महत्व | - जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना। <br> - कार्बन उत्सर्जन को कम करना। <br> - वायु गुणवत्ता में सुधार। <br> - ऊर्जा पहुंच और सुरक्षा को बढ़ावा देना। |

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