2025 में पंजाब और हरियाणा में गेहूं की उपज बढ़ने का अनुमान
| विषय | मुख्य विवरण | | ------------------------------- | ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ | | यह खबर क्यों? | पंजाब और हरियाणा में अनुकूल शीतकालीन मौसम के कारण 2024-25 में गेहूं की पैदावार बढ़ने की संभावना है, हालांकि बेमौसम ओलावृष्टि के कारण फसल को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। | | पंजाब की गेहूं उपज (2023-24) | 50 क्विंटल/हेक्टेयर; 2024-25 का अनुमान: 60 क्विंटल/हेक्टेयर से अधिक हो सकता है। | | हरियाणा की गेहूं उपज (2023-24) | 46 क्विंटल/हेक्टेयर; 2024-25 का अनुमान: 50 क्विंटल/हेक्टेयर से अधिक हो सकता है। | | केंद्रीय पूल में भूमिका | पंजाब और हरियाणा भारत के केंद्रीय गेहूं खरीद पूल में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। | | मजबूत फसल का प्रभाव | - खाद्य सुरक्षा में सुधार <br>- बाजार आपूर्ति को स्थिर करता है <br>- खरीद के माध्यम से किसानों की आय का समर्थन करता है <br>- पीडीएस और मुद्रास्फीति नियंत्रण में सहायक। | | भारत में गेहूं | - रबी फसल (अक्टूबर-दिसंबर में बोई जाती है, अप्रैल-जून में काटी जाती है) <br>- चावल के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अनाज <br>- शीर्ष राज्य: यूपी (सबसे बड़ा), पंजाब, हरियाणा, एमपी, राजस्थान। | | वैश्विक गेहूं उत्पादक | शीर्ष उत्पादक: चीन, यूरोपीय संघ, भारत। | | आदर्श स्थितियाँ | - मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली दोमट/चिकनी <br>- तापमान: 10-15 डिग्री सेल्सियस (बुवाई), 21-26 डिग्री सेल्सियस (कटाई) <br>- वर्षा: 75-100 सेमी <br>- अनाज निर्माण के दौरान सूर्य का प्रकाश: महत्वपूर्ण। |

