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भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि

भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि
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भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि

| श्रेणी | विवरण | | --- | --- | | घटना | महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) में वृद्धि | | स्रोत | प्रधानमंत्री के लिए आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) | | समय अवधि | 2017-18 से 2022-23 | | मुख्य निष्कर्ष | - ग्रामीण महिला LFPR 24.6% से बढ़कर 41.5% हो गई।<br>- शहरी महिला LFPR 20.4% से बढ़कर 25.4% हो गई।<br>- बिहार, पंजाब और हरियाणा में लगातार बहुत कम महिला LFPR दर्ज की गई।<br>- शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सुधार हुआ। | | अन्य प्रवृत्तियाँ | - विवाहित पुरुषों की LFPR अधिक है; विवाह से महिला LFPR कम होती है, खासकर शहरी क्षेत्रों में।<br>- महिला LFPR 30-40 वर्ष की आयु में चरम पर होती है और उसके बाद तेजी से गिरती है; पुरुष LFPR 30-50 वर्ष की आयु में लगभग 100% बनी रहती है।<br>- उत्तरी राज्य: पंजाब और हरियाणा में महिला LFPR कम दर्ज की गई।<br>- पूर्वी राज्य: ग्रामीण बिहार में सुधार, विशेषकर विवाहित महिलाओं में।<br>- पूर्वोत्तर राज्य: नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश ने ग्रामीण प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाई। | | सरकारी योजनाएँ | - मुद्रा लोन<br>- ड्रोन दीदी योजना<br>- दीनदयाल अंत्योदय योजना | | EAC-PM | - गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक, स्वतंत्र निकाय जो प्रधानमंत्री को आर्थिक मुद्दों पर सलाह देता है।<br>- नोडल एजेंसी: नीति आयोग।<br>- आवधिक रिपोर्ट: वार्षिक आर्थिक दृष्टिकोण, अर्थव्यवस्था की समीक्षा। |

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