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IIT कानपुर के अनुसंधान में नारकोंडम द्वीप के पास तेल और गैस के संकेत

IIT कानपुर के अनुसंधान में नारकोंडम द्वीप के पास तेल और गैस के संकेत
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IIT कानपुर के अनुसंधान में नारकोंडम द्वीप के पास तेल और गैस के संकेत

| पहलू | विवरण | |---------------------------|--------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | आईआईटी कानपुर के अनुसंधान द्वारा नारकोंडम द्वीप के पास तेल और गैस के संकेत मिले | | अनुसंधानकर्ता | हर्षद श्रीवास्तव, पीएचडी छात्र, पृथ्वी विज्ञान विभाग, आईआईटी कानपुर | | स्थान | नारकोंडम द्वीप, अंडमान निकोबार से 139 किमी दूर | | अनुसंधान अवधि | 2019 में शुरू, 2023 में पूरा (4 वर्ष) | | मुख्य निष्कर्ष | - अवसादी बेसिन में 10 किमी लंबी तरल परत मिली | | | - तेल और गैस की संयुक्त परत, 20 मीटर चौड़ी और 10 किमी लंबी, समुद्र तल से 650 मीटर नीचे पाई गई | | डेटा स्रोत | ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन) द्वारा प्रदत्त | | अनुसंधान चरण | - पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ | | | - दूसरा चरण, वेल लॉग डेटा विधि से तेल और गैस की उपस्थिति की पुष्टि करेगा | | प्रकाशन | जर्मन पत्रिका जियो-मरीन लेटर में अक्टूबर 2023 में प्रकाशित | | मार्गदर्शक | डिबाकर घोषाल, सहायक प्रोफेसर, पृथ्वी विज्ञान विभाग, आईआईटी कानपुर | | दूसरे चरण की लागत | प्रति वेल लॉग लगभग 200 करोड़ रुपये |

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