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हरियाणा ने दलितों के लिए उप-कोटा लागू किया: ऐतिहासिक फैसला

हरियाणा ने दलितों के लिए उप-कोटा लागू किया: ऐतिहासिक फैसला
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हरियाणा ने दलितों के लिए उप-कोटा लागू किया: ऐतिहासिक फैसला

| मुख्य पहलू | विवरण | |------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | राज्य | हरियाणा | | निर्णय | अनुसूचित जातियों (SCs) को दो समूहों में उपवर्गीकृत करना: वंचित अनुसूचित जातियाँ (DSC) और अन्य अनुसूचित जातियाँ (OSC) | | प्रभावी तिथि | चुनाव के बाद लागू | | सुप्रीम कोर्ट का फैसला| अगस्त 2023 का फैसला जो राज्यों को आरक्षण के लिए SCs और STs को उपवर्गीकृत करने की अनुमति देता है | | कोटा आवंटन | सरकारी नौकरियों में 20% SC कोटा का 50% DSCs और OSCs के लिए आरक्षित | | DSC जातियाँ | 36 जातियाँ, जिनमें बाल्मीकी और धनक शामिल हैं | | OSC जातियाँ | चमार और जाटव शामिल हैं | | उद्देश्य | सरकारी रोजगार में DSCs के कम प्रतिनिधित्व को संबोधित करना | | ऐतिहासिक संदर्भ | 2020 के कानून ने उच्च शिक्षा में SC कोटा का 50% DSCs के लिए आरक्षित किया | | पूर्व कानूनी बाधा | 2004 के चिन्नैया मामले ने उपवर्गीकरण को रोका | | राजनीतिक संदर्भ | BJP की SC वोट सुरक्षित करने की रणनीति; कांग्रेस ने इस कदम को विभाजनकारी बताया | | कार्यान्वयन | SC कोटा विभाजन के लिए राज्य अधिसूचना जारी की जाएगी | | भविष्य के प्रभाव | संभावित तौर पर महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों को समान सुधारों पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा |

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