सूखे प्रदेशों का वैश्विक विस्तार: जलवायु संकट
| खबर में क्यों? | प्रमुख बिंदु | | --- | --- | | पिछले 30 वर्षों में पृथ्वी की 77% से अधिक जमीन सूख गई, UN रिपोर्ट चेतावनी देती है | - 1990 से 2020 के बीच पृथ्वी की 77% जमीन सूख गई।<br>- शुष्क क्षेत्रों में 4.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर का विस्तार हुआ, जो पृथ्वी के 40% भूभाग को कवर करता है।<br>- अब शुष्क क्षेत्रों में 2.3 अरब लोग रहते हैं (पिछले 30 वर्षों में दोगुना)।<br>- यदि उत्सर्जन में कमी नहीं की गई, तो 2100 तक 3% अतिरिक्त आर्द्र क्षेत्र शुष्क क्षेत्रों में बदल सकते हैं।<br>- प्रभावित क्षेत्र: यूरोप का 96%, पश्चिमी अमेरिका के हिस्से, ब्राजील, एशिया और मध्य अफ्रीका।<br>- दक्षिण सूडान और तंजानिया में शुष्क क्षेत्रों में सबसे अधिक भूमि परिवर्तन हुआ है।<br>- चीन में शुष्क क्षेत्रों में बदलने वाले क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल सबसे अधिक है। | | UNCCD (यूएन कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन) | रिपोर्ट का आरंभ सऊदी अरब के रियाद में UNCCD के 16वें सम्मेलन में किया गया। | | UNCCD के कार्यकारी सचिव | इब्राहिम थियाव। | | भविष्य के लिए प्रमुख पूर्वानुमान | - सबसे खराब स्थिति: 2100 तक 5 अरब लोग शुष्क क्षेत्रों में रह सकते हैं।<br>- भूमध्यसागरीय क्षेत्र, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका और अमेरिका, मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों में शुष्क क्षेत्रों के और विस्तार का पूर्वानुमान है। |

