मार्च 2024 में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी और घरेलू निवेश
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | भारत में एफआईआई निवेश | मार्च 2024 में $3.63 बिलियन, जो दिसंबर 2023 के बाद से सबसे अधिक है। भारत शीर्ष एशियाई गंतव्य के रूप में उभरा। | | घरेलू संस्थागत निवेशक | रु. 52,467 करोड़ के शुद्ध खरीदार, जो चार वर्षों में सबसे अधिक है। | | अन्य एशियाई बाजार | आवक: दक्षिण कोरिया ($2.91B), ताइवान ($1.14B), इंडोनेशिया ($585M)। बहिर्वाह: जापान ($5.35B), थाईलैंड ($1.13B), मलेशिया ($514M), वियतनाम ($197M), फिलीपींस ($40M)। | | आवक के प्रमुख कारण | ब्लॉक डील, इंडेक्स रीबैलेंसिंग, अंडरवैल्यूड स्टॉक्स, नकदी भंडार, और वर्ष-अंत की पोजिशनिंग। | | प्रमुख ब्लॉक डील्स | बीएटी पीएलसी (आईटीसी), राकेश गंगवाल (इंटरग्लोब एविएशन), टाटा संस (टीसीएस), सिंगटेल (भारती एयरटेल)। | | बाजार प्रदर्शन | गिरावट: सेंसेक्स (-0.1%), निफ्टी (-0.1%), बीएसई मिडकैप (-0.7%), बीएसई स्मॉलकैप (-5.53%)। | | बाजार की चुनौतियाँ | ईडी छापे, सेबी की चेतावनियाँ, तरलता की जांच, आरबीआई के हस्तक्षेप का डर, फोर्स्ड लिक्विडेशन।| | भविष्य की संभावनाएं | म्यूचुअल फंड एसआईपी प्रवाह स्थिर रहने की उम्मीद, आकर्षक वैल्यूएशन, मिड और स्मॉल-कैप्स के लिए तेजी का रुख। |

