15वें वित्त आयोग के ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान
| श्रेणी | विवरण | |--------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | केंद्र सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान को पांच राज्यों के ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी)/पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) को वितरित किया। | | लाभान्वित राज्य | अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, नागालैंड, पंजाब | | वित्तीय वर्ष | 2024-25 | | अनुदान आवंटन | मध्य प्रदेश को 651.7794 करोड़ रुपये का पहला किस्त के रूप में अनबंधित अनुदान आवंटित किया गया। | | जारी करने का प्राधिकार | वित्त मंत्रालय द्वारा पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) की सिफारिशों के आधार पर। | | अनुदान के प्रकार | अनबंधित अनुदान: संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के अंतर्गत 29 विषयों के लिए स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए (वेतन और प्रतिष्ठान लागत को छोड़कर)। | | | बंधित अनुदान: विशेष रूप से स्वच्छता, ओडीएफ स्थिति, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन, और जल पुनर्चक्रण के लिए। | | संवैधानिक समर्थन | 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने पीआरआई को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, त्रि-स्तरीय प्रणाली स्थापित की, और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया। | | पीआरआई संरचना | ग्राम सभा (गाँव स्तर), पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर), जिला परिषद (ज़िला स्तर)। |

