लोकतंत्र की खोज: सैम पित्रोदा की नई पुस्तक 'The Idea of Democracy'
| पहलू | विवरण | |-----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | कार्यक्रम | सम पित्रोदा की नई पुस्तक द आइडिया ऑफ डेमोक्रेसी का लॉन्च | | लेखक | सम पित्रोदा | | पुस्तक का शीर्षक | द आइडिया ऑफ डेमोक्रेसी | | मुख्य विषय | भारत और अमेरिका जैसे देशों में लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति और उसकी चुनौतियों का विश्लेषण | | मुख्य उपस्थित लोग | राज्यसभा सांसद कपिल सिबल और साहित्य जगत की अन्य प्रमुख हस्तियाँ | | पुस्तक का केंद्र | लोकतंत्र की सफलता का विरोधाभास और उदारवादी गिरावट; लोकतंत्र का सार, कार्यप्रणाली और सुरक्षा उपाय | | लक्षित पाठक वर्ग | युवा, जिन्हें लोकतंत्र और उसके भविष्य में उनकी भूमिका पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाए | | लेखक की पृष्ठभूमि | दूरसंचार आविष्कारक, उद्यमी, विकास विचारक, नीति निर्माता | | उल्लेखनीय योगदान | 1980 के दशक में भारत के दूरसंचार और प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखी | | पद भूमिकाएँ | प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार, भारत के दूरसंचार आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष | | उपलब्धियाँ | 20 मानद डॉक्टरेट, ~100 विश्वव्यापी पेटेंट, 5 पुस्तकें और कई शोधपत्र प्रकाशित | | संस्थापित संगठन | इंडिया फूड बैंक, ग्लोबल नॉलेज इनीशिएटिव, इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसडिसिप्लिनरी हेल्थ |

