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कारबतल वेटलैंड पर अतिक्रमण: पर्यावरणीय चिंताएं एवं कार्रवाई

कारबतल वेटलैंड पर अतिक्रमण: पर्यावरणीय चिंताएं एवं कार्रवाई
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कारबतल वेटलैंड पर अतिक्रमण: पर्यावरणीय चिंताएं एवं कार्रवाई

| श्रेणी | विवरण | |-----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | कर्बतल आर्द्रभूमि पर अतिक्रमण | | स्थान | बेगूसराय जिला, बिहार | | संबंधित प्राधिकरण | राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) - पूर्वी क्षेत्र सर्किट बेंच | | समिति का गठन | अतिक्रमण के आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन | | पदनाम | - पक्षी अभयारण्य (1989, बिहार सरकार)<br>- रामसर स्थल (2020) | | आर्द्रभूमि का महत्व | एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की अर्धचंद्राकार झील | | संरचना | 16-17 जलाशयों का समूह, वर्षा जल के लिए जलग्रहण क्षेत्र | | भूमि उपयोग (2019 रिपोर्ट) | - 82% दलदली भूमि (25% खेती योग्य)<br>- 16% खुला पानी<br>- 2% वृक्षारोपण | | पर्यावरणीय प्रभाव | अतिक्रमण और झील का सूखना पक्षियों के आवास को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है | | अर्धचंद्राकार झील की परिभाषा | नदी के कटाव और जमाव से बनी चंद्राकार झील | | रामसर कन्वेंशन | - 1971 में अपनाया गया (रामसर, ईरान)<br>- भारत में लागू (1982) |

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