राजस्थान में 31 एम-सैंड इकाइयों की ई-नीलामी
| मुख्य घटना/महत्वपूर्ण बिंदु | विवरण | |------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू | 31 एम-सैंड यूनिट्स की स्थापना के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया 10 जनवरी 2024 को शुरू की गई। | | बोली अवधि | बोली 28 जनवरी से 6 फरवरी 2024 तक भारत सरकार के पोर्टल पर नीलामी कार्यक्रम के अनुसार जमा की जा सकती है। | | नई नीतियों की घोषणा | नई खनिज नीति और नई एम-सैंड नीति मुख्यमंत्री और खनन मंत्री द्वारा 4 दिसंबर 2023 को जारी की गई। इन नीतियों के तहत संशोधित नियम 3 जनवरी 2025 को जारी किए गए। | | टेंडर नोटिस जारी | विभाग ने 31 एम-सैंड यूनिट्स की स्थापना के लिए एक सप्ताह के भीतर टेंडर नोटिस जारी किया। | | एम-सैंड को औद्योगिक दर्जा | एम-सैंड यूनिट्स को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत औद्योगिक दर्जा और विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। | | पात्रता में ढील | एम-सैंड यूनिट्स स्थापित करने के लिए 3 वर्ष के अनुभव और 3 करोड़ रुपये के टर्नओवर की आवश्यकता को हटा दिया गया है। | | रॉयल्टी में कमी | ओवरबर्डन पर रॉयल्टी घटाई गई है, और नीलामी के दौरान आवंटन के लिए 5 प्लॉट (2 के बजाय) आरक्षित किए गए हैं। | | डीएमएफटी पर छूट | ओवरबर्डन पर जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के लिए देय राशि पर छूट दी गई है। | | एम-सैंड उपयोग अनिवार्य | सरकारी और सरकारी निधि से चलने वाली निर्माण परियोजनाओं में, जहां बजरी की आवश्यकता हो, 50% एम-सैंड के उपयोग को अनिवार्य कर दिया गया है। |

