वाराणसी में डॉल्फिन सफारी: संरक्षण और पर्यावरण पर्यटन की ओर एक कदम
| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | वाराणसी में डॉल्फिन सफारी | | घोषणा की गई | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा | | स्थान | कैथी और ढकवा गांव, वाराणसी जिले के बीच | | उद्देश्य | गंगा डॉल्फिन की संख्या में वृद्धि को बढ़ावा देना, आवास की सुरक्षा, और इको-टूरिज़्म को प्रोत्साहित करना | | मुख्य पहल | डॉल्फिन संरक्षण के लिए 'डॉल्फिन मित्र' की नियुक्ति | | गंगा डॉल्फिन के बारे में| गंगा नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica) की खोज 1801 में हुई थी | | आवास | गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और करनापुली-सांगु नदी प्रणाली में पाई जाती है | | विशेषताएं | मीठे पानी में रहती है, दृष्टिहीन, शिकार के लिए अल्ट्रासोनिक ध्वनि का उपयोग करती है, और हर 30-120 सेकंड में सतह पर आती है | | संरक्षण स्थिति | IUCN: संकटग्रस्त, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972: अनुसूची I, CITES: परिशिष्ट I | | सरकारी पहल | प्रोजेक्ट डॉल्फिन, विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य, राष्ट्रीय गंगा नदी डॉल्फिन दिवस (5 अक्टूबर) |

