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रक्षा मंत्री ने आर्मी वॉर कॉलेज, म्हो का दौरा किया

रक्षा मंत्री ने आर्मी वॉर कॉलेज, म्हो का दौरा किया
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रक्षा मंत्री ने आर्मी वॉर कॉलेज, म्हो का दौरा किया

| पहलू | विवरण | |---------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | रक्षा मंत्री का आर्मी वॉर कॉलेज, महू, मध्य प्रदेश का दौरा | | प्रमुख चुनौतियाँ | - सूचना युद्ध, एआई-आधारित युद्ध, प्रॉक्सी युद्ध, विद्युत चुम्बकीय युद्ध, अंतरिक्ष युद्ध, साइबर-हमले<br> - हाइब्रिड युद्ध और ग्रे-जोन युद्ध<br> - इलेक्ट्रॉनिक चिप उत्पादन में वर्चस्व और दुर्लभ पृथ्वी सामग्री पर एकाधिकार | | महू प्रशिक्षण केंद्रों की भूमिका | - भारतीय सेना को आधुनिक खतरों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण<br> - 200 साल से अधिक समय से सैन्य उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है<br> - सशस्त्र बलों के सभी अंगों के अधिकारियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करता है | | सैन्य बलों में एकीकरण | - सरकार सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच एकीकरण और संयुक्तता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है | | भारत के लिए दृष्टि | - 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य<br> - आधुनिक हथियारों के साथ सैन्य उन्नयन और स्वदेशी निर्मित उपकरणों का निर्यात | | रक्षा मंत्री के दौरे की गतिविधियाँ | - भीम जन्म भूमि स्मारक का दौरा किया, डॉ. बी.आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की<br> - डॉ. अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा, सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में प्रशंसा की | | ग्रे-जोन युद्ध | - पारंपरिक युद्ध की सीमा से नीचे संघर्ष<br> - साइबर हमले, आर्थिक दबाव और प्रॉक्सी संघर्ष जैसी रणनीतियाँ<br> - शांति और संघर्ष के बीच की रेखाओं को धुंधला करता है, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती पेश करता है |

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