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मध्य प्रदेश में भूमि प्रशासन का डिजिटल रूपांतरण

मध्य प्रदेश में भूमि प्रशासन का डिजिटल रूपांतरण
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मध्य प्रदेश में भूमि प्रशासन का डिजिटल रूपांतरण

| पहलू | विवरण | |---------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------| | पहल | साइबर तहसील | | द्वारा शुरू किया गया | मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग | | पायलट लॉन्च तिथि | 1 जून 2022 | | वर्तमान कार्यान्वयन | मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में विस्तारित | | उद्देश्य | भूमि पंजीकरण और म्यूटेशन प्रक्रियाओं को डिजिटाइज करना, मैनुअल हस्तक्षेप को कम करना, पारदर्शिता में सुधार करना | | मुख्य विशेषताएँ | - पूरी तरह से स्वचालित और ऑनलाइन भूमि म्यूटेशन प्रक्रिया | | | - आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से स्वचालित मामला जनरेशन | | | - प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है | | | - अपडेटेड भूमि रिकॉर्ड ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से वितरित | | प्रभाव | - 14 लाख म्यूटेशन मामलों में से 2 लाख मामले कोर्ट की उपस्थिति के बिना हल किए गए | | | - न्यायिक बोझ कम किया गया | | मुख्य भूमिका | इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन एंड स्टैम्प्स (आईजीआरएस) | | आईजीआरएस की जिम्मेदारियाँ | - पंजीकरण और स्टाम्पिंग प्रक्रियाओं का पर्यवेक्षण करना | | | - कानूनी दस्तावेजों (संपत्ति दस्तावेज, विवाह प्रमाणपत्र, आदि) का पंजीकरण प्रबंधन करना | | | - कानूनी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना | | | - स्टाम्प शुल्क संग्रह का प्रबंधन करना |

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