चीन का चांग'e 6 मून मिशन: अंतरिक्ष अन्वेषण में ऐतिहासिक छलांग
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------| | मिशन का नाम | चांगई 6 | | मिशन अवधि | 53 दिन | | वापसी की तिथि | 25 जून, 2024 | | लैंडिंग स्थल | इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र, चीन | | नमूने की मात्रा | लगभग 2 किलोग्राम चट्टान और मिट्टी | | चंद्र लैंडिंग स्थल | दक्षिण ध्रुव-ऐटकेन (एसपीए) बेसिन के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में, अपोलो क्रेटर के अंदर | | एसपीए बेसिन की विशेषताएँ | 2,500 किलोमीटर चौड़ा, सौर मंडल के सबसे बड़े और प्राचीन क्रेटर्स में से एक (~4.26 अरब वर्ष पुराना) | | अपोलो क्रेटर की आयु | लगभग 2.5 अरब वर्ष | | मिशन का महत्व | चंद्रमा के दूर की ओर से नमूने लाने वाला पहला मिशन | | पिछले मिशन | चांगई 4 (2019, दूर की ओर लैंडिंग), चांगई 5 (2020, निकट की ओर से नमूना वापसी) | | प्रतिस्पर्धी राष्ट्र | अमेरिका, चीन और सहयोगी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लक्षित कर रहे हैं | | चीन का चंद्र लक्ष्य | 2030 तक चंद्रमा पर मानव को उतारना | | अमेरिका का चंद्र लक्ष्य | आर्टेमिस कार्यक्रम 2026 तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का लक्ष्य रखता है | | अंतर्राष्ट्रीय सहयोग | अमेरिका आर्टेमिस समझौते का नेतृत्व कर रहा है (43 हस्ताक्षरकर्ता देश); चीन और रूस ILRS प्रस्तावित कर रहे हैं | | चंद्र दक्षिणी ध्रुव का महत्व | पानी और रॉकेट ईंधन की संभावित उपस्थिति | | यूएन बाहरी अंतरिक्ष संधि | अमेरिका और चीन द्वारा अनुमोदित; क्षेत्रीय दावों को प्रतिबंधित करती है, चंद्रमा तक मुफ्त पहुंच सुनिश्चित करती है |

