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कूनो में चीता पुनर्वास: जैवविविधता की उपलब्धि

कूनो में चीता पुनर्वास: जैवविविधता की उपलब्धि
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कूनो में चीता पुनर्वास: जैवविविधता की उपलब्धि

| विषय | विवरण | |--------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | कूनो नेशनल पार्क | - मध्य प्रदेश में स्थित, 1981 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित, 2018 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। | | | - श्योपुर और मुरैना जिलों में फैला हुआ है। | | | - नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित चीतों का आवास स्थल। | | चीता पुनर्वास | - 17 सितंबर 2022 को चीता पुनरुद्धार परियोजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य 1952 से विलुप्त भारत में चीतों की आबादी को बहाल करना है। | | | - इसे एनटीसीए, मध्य प्रदेश वन विभाग, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, और नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों द्वारा लागू किया गया है। | | हाल की घटना | - 17 मार्च 2025 को, एक मादा चीता और उसके चार शावकों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया। | | | - कूनो नेशनल पार्क में चीतों की कुल संख्या अब 26 हो गई है, जिसमें भारत में जन्मे 14 शावक शामिल हैं। | | महत्व | - पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है, घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करता है, अन्य प्रजातियों को लाभ पहुंचाता है। | | | - जैव विविधता का संरक्षण करता है, खाद्य श्रृंखला में संतुलन स्थापित करता है। | | | - पर्यटन को बढ़ावा देता है, रोजगार के अवसर पैदा करता है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। |

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