केंद्र का महत्वाकांक्षी AI मिशन जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी हेतु जा सकता है
- हाल ही में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री ने खुलासा किया कि भारत सरकार का AI मिशन 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित बजट के साथ कैबिनेट की मंजूरी लेने के लिए तैयार है।
AI मिशन के उद्देश्य
- 'सॉवरेन AI' विकसित करना, घरेलू स्तर पर कम्प्यूटेशनल क्षमता बढ़ाना और भारतीय स्टार्टअप्स को एक सेवा के रूप में गणना प्रदान करना।
- आर्थिक विकास के लिए AI का उपयोग करना, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।
कंप्यूटिंग क्षमता और भागीदारी
- सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से 10,000 से 30,000 GPU का लक्ष्य रखते हुए गणना क्षमता बनाने की योजना बना रही है।
- PSU सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) के माध्यम से अतिरिक्त 1,000-2,000 GPU विकसित किए जाने हैं।
प्रोत्साहन संरचनाएँ
- भारत में कंप्यूटिंग केंद्र स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन संरचनाओं की खोज की जा रही है।
- प्रोत्साहन मॉडल में पूंजीगत व्यय सब्सिडी, परिचालन व्यय-आधारित प्रोत्साहन और "उपयोग" शुल्क शामिल हैं।
- सरकार स्टार्टअप्स को कम्प्यूटेशनल क्षमता तक लागत प्रभावी पहुंच प्रदान करने के लिए GPU असेंबली से एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) बनाने की कल्पना करती है।
डेटा पहल
- कंप्यूटिंग क्षमता के साथ-साथ, सरकार सक्रिय रूप से डेटासेट बनाने और उन्हें भारतीय स्टार्टअप के लिए उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।
- एक राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति एक भारतीय डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म के निर्माण का प्रस्ताव करती है जिसमें स्टार्टअप और शोधकर्ताओं के लिए गैर-व्यक्तिगत और अज्ञात डेटासेट शामिल होंगे।
- सरकार फेसबुक, गूगल और अमेज़ॅन जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों के लिए अज्ञात व्यक्तिगत डेटा को भारत डेटासेट प्लेटफॉर्म के साथ साझा करने के निर्देशों पर विचार कर रही है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- भारत सरकार का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- C-DAC

